Tuesday, 12 March 2013

Water Reforms can increase financial burden on the people - India - English/ Hindi

http://gmpsiaprec.blogspot.com.au/2013/03/water-reforms-can-increase-financial.html Introduction Comment from PSI Sub Regional Secretary Kannan Raman - This is about a study on the world bank assisted scheme in Madhya Pradesh, India done by Manthan, a NGO whom we are looking for collaboration to do a mapping of the the restructured water sector of India. - Regards Kannan Raman kannan.raman@world-psi.org 

A Report by Manthan Adhyayan Kendra on "Mukhya Mantri Shehri Peyjal Yojana" (CM's Urban Water Supply Scheme), Water Sector Reforms, Privatisation and Its Impact on the local people was released in Badwani on 14th February 2013. The release is significant since this scheme is now proposed to be implemented in several local bodies in Madhya Pradesh.

Chief Minister of Madhya Pradesh Shri Shivrajsingh Chauhan on 16th February 2013 laid the foundation stone of Water Supply Scheme in Badwani under Mukhya Mantri Shehri Peyjal Yojana (CM's Urban Water Supply Scheme). The privatisation  of domestic water supply in 37 cities of Madhya Pradesh including Barwani is proposed under this scheme. The conditionality to privatise water supply under this scheme will have  long-term impacts.

The Government of MP has proposed to take a World Bank loan for this scheme Under the scheme it has been proposed to make it mandatory for the local bodies with a population more than one lakh to privatise domestic water services through PPP mode. ULBs will have to encourage economic reforms within a specified time-frame. The shall hold the power to stop or reduce the amount of funds to those local bodies who do not adhere to the economic reforms agenda under the scheme. Local bodies will also have to increase property tax recovery upto 85% and will have to install meters for all water connections.
Barwani Municipal Council has prepared a water supply project with an estimated cost of Rs 19.90 crores under the above scheme. Erroneous data has been used about water supply in Badwani to justify this schemeThe DPR states that the town faces several problems like poor water availability, low storage, excessive leakages, high number of public stand posts, etc.. However, on the other hand the existing water supply system of the town has the capacity to deliver 4 times water  of the existing demand.
The project cost has been used based on the  standard of 135 litres per capita per day (lpcd) water supply. However, as per the CPHEEO standards for towns like Barwani with no underground sewerage systems the standard norm is 70 lpcd and for population dependent on the public stand posts is 40 lpcd. This increase project cost would be eventually borne by the local population.
The O&M expenses for water supply in the town will increase from Rs. 68 lakhs per annum to Rs.1 crores 43 Lakhs under the new scheme. This amount would be recovered from increased water tariffs. Badwani Municipal Council will have to take a loan of Rs. 4 Crores, to pay this loan the municipal council will have to raise additional Rs.40 lakhs per annum.
For more information about report http://www.manthan-india.org/spip.php?article70

Regards
- Gaurav Dwivedi / Makarand Purohit / Rehmat
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गलत आधारों पर तैयार मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
पानी का निजीकरण कर जनता पर बोझ साबित होगी
मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना’’ का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। यह 14 फरवरी 2013 को जारी की गई।  चूँकि नगरीय निकायों में इसी योजना के तहत जलप्रदाय योजनाएँ बनाई जानी प्रस्तावित हैअतः इस योजना के प्रभाव पूरे प्रदेश की जलप्रदाय व्यवस्था पर दिखाई देने संभावित है। रिपोर्ट में योजना के संभावित प्रभावों का विस्तार से उल्लेख है।
अपने जीवन में पानी का निजीकरण नहीं होने देने की घोषणा करने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने आज ‘‘मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना' के तहत बड़वानी की पेयजल योजना का 16 फरवरी 2013 को शिलान्यास किया। यह वही योजना है जिसके तहत बड़वानी सहित प्रदेश के 37 नगरों पानी के निजीकरण का प्रयास जारी है। योजना की शर्त में निजीकरण शामिल होने के कारण इससे प्रदेश की पेयजल व्यवस्था में बड़े बदलाव संभावित हैं।
रिपोर्ट में योजना के संभावित प्रभावों का विस्तार से उल्लेख है। योजना के लिए प्रदेश शासन द्वारा कर्ज विश्व बैंक से लिया जाना प्रस्तावित है इसीलिए योजना में निजीकरण को बढ़ावा दिया जाना शामिल किया गया है। एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों को अपनी जलप्रदाय योजनाओं का पीपीपी के तहत निजीकरण करना आवश्यक होगा। निकायों को चरणबद्ध एवं समयद्ध तरीके से आर्थिक सुधार (उदारीकरण और निजीकरण) की प्रक्रिया जारी रखनी होगी। निकायों द्वारा आर्थिक सुधार नहीं किए जाने पर राज्य से मिलने वाले अनुदान और कर्ज को कम कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त संपत्ति कर की वसूली भी 85% तक बढ़ानी होगी तथा सभी कनेक्शनों पर मीटर लगाना आवश्यक होगा।
बड़वानी में भी 19.90 करोड़ की ''मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना जलप्रदाय योजना तैयार की गई है। इस योजना को उचित साबित करने हेतु गलत तथ्यों का सहारा लिया गया है। डीपीआर में शहर में कम जल उपलब्धताभण्डारण क्षमता की कमीलीकेज ज्यादा होनासार्वजनिक नलों की अधिकताजल संकट के कारण निवासियों का आक्रोश आदि समस्याएँ गिनार्इ गर्इ है। जबकि इसके विपरीत बड़वानी का पेयजल तंत्र नगर की जरूरत से 4 गुना अधिक क्षमता का है।
योजना का बजट बढ़ाने हेतु 135 लीटर/व्यक्ति/दिन (एलपीसीडी) के आधार पर जरूरत की गणना की गई है। जबकि बड़वानी जैसे भूमिगत मलनिकास प्रणालीविहीन कस्बों में कनेक्शनधारियों के लिए जलप्रदाय का मानक 70 एलपीसीडी और सार्वजनिक नलों पर निर्भर परिवारों के लिए 40 एलपीसीडी ही है।
सलाहकारों का मेहनताना योजना लागत के आधार पर तय होता है अत: उनका प्रयास लागत बढ़ाने का रहता है। आश्चर्यजनक है कि लागत बढ़ने का अन्य संबंधित पक्ष भी विरोध नहीं करते हैं लेकिन अंतत: इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
योजना के लागू होने से बड़वानी में जलप्रदाय का संचालन खर्च 68 लाख सालाना से बढ़कर 1 करोड़ 43 लाख हो जाएगा। इसकी वसूली के लिए जलदरें बढ़ानी होगी। योजना हेतु 4 करोड़ के कर्ज की जरूरत होगीजिसकी अदायगी के लिए 40 लाख रूपए अतिरिक्तजुटाने होंगें।
बड़वानी का जलप्रदाय तंत्र करोड़ 54 लाख लीटर/दिन क्षमता का है जबकि बड़वानी की जरूरत 33 लाख लीटर/दिन है। जरूरत से गुना उपलब्धता के बावजूद जल संकट का हौवा खड़ा अनावश्‍यक और महँगी योजना प्रारंभ की जा रही है।
‘‘मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना' संबंधी अध्‍ययन का प्रकाशित संस्‍करण एवं संक्षिप्‍त नोट यहॉं से डाउनलोड किया जा सकता है।
योजना के विस्तृत नोट यहॉं से डाउनलोड किया जा सकता है।
सधन्‍यवाद
- गौरव द्विवेदी / मकरंद पुरोहित / रेहमत
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Web- www.manthan-india.org